एक सुग्गा था। तेज और सुन्दर नाक। सर पर लाल कलगी। मीठे बोल। प्यारा सा। सुन्दर। बहुत अच्छा बोलता था। जंगल का राजा बनना चाहता था। दिक़्क़त यह थी कि उसका मुकाबला शेर से था। शेर ने तय किया था कि वह उसके क्षेत्र को एक टाइगर को सौंप देगा। वह डरा हुआ था। वह पहले खुद इस इलाके का राजा हुआ करता था। उसने एक कठफोड़वे का हाथ थामा। सोचा , मजबूती मिलेगी। मगर वह हार गया। शेर ने वह इलाका टाइगर को दे दिया। टाइगर बहुत तेज था। सुग्गे को कुछ हाथ न लगा। उसकी और उसके साथी की , जिस कठफोड़वे का उसने हाथ थामा था उसकी भी बुरी दुर्गति हुई। इधर इसकी भी दुर्गति हुई। सुग्गे को लगा , उसने जिसका हाथ थामा था वह बेकार था। गलती हुई। बदला लेगा।
एक बार जंगल के राजा का चुनाव था। शेर कुर्सी पर बैठा था। सुग्गे ने सोचा , अच्छा मौका है। इस वसंत में वह फायदा उठाने से नहीं चूकेगा। उसने सोचा , क्यों न कोयल से बात की जाए। वसंत में कोयल से बात हो जाए तो कोयल की कुहू कुहू में उसकी भी बन जायेगी। उसने कभी पहले कोयल को प्यार से बुआ कह दिया था। बुआ भी उसे बबुआ कहकर दुलारती थी। सुग्गे ने कोयल से बात की। कोयल तैयार हो गयी। पर सुग्गा यह भूल गया कि कोयल तो अपने अंडे भी दूसरे के घोसले में रख पलवा लेती है। कोयल और सुग्गे , दोनों ने शेर को हटाने की कोशिश की। उन्होंने एक कौवे को भी तैयार कर लिया। पहले सुग्गे के पास पांच साथी थे जो अक्सर सभा में उसकी बात रखते थे। बाद में वो आठ हो गए थे। कोयल से सब चिढ़ते थे। उसके पास कोई साथी नहीं था। पर दोनों तैयार हो गए। पर जंगल में जब चुनाव हुआ तब सुग्गे को जब होश आया तब वह आठ से पांच पर आ चुका था। मगर चालाक कोयल ने अपने दस साथी सुग्गे और कौवे के घोंसले में पलवा लिए थे। कौवे का भी नामो निशान नहीं था। सुग्गे को लगा , उसके साथ तो धोखा हो गया है। सुग्गा गुमसुम हो गया। कोयल थोड़ा चहकी। पर उदास भी थी। कोयल सोचती थी , वह बहुत अच्छा बोलती है। कुहू कुहू करती है। सब वसंत में उसके साथ हो जायेंगे। पर बाकियों को शेर का साहस भा गया था। जब कभी मोहल्ले में लकड़बग्घा आता था , शेर उनसे ताकत से निपट लेता था। इसलिए सबको शेर के दूसरे के घर में घुस कर उसे मारने का अंदाज बहुत पसंद था। शेर जीत गया।
सुग्गा गुस्सा था। सुग्गे को अंदाजा था कि सारे सुग्गे उसको वोट करेंगे। सारी कोयलें और कौवे भी उसे वोट देंगे पर उसे वोट नहीं मिले। कौवे को तो कुछ भी नहीं मिला। उसके साथ तो ज्यादा बड़ा धोखा हो गया था। कौवे तक उससे नाराज हो गए थे। तीनों में सबसे ज्यादा फायदे में कोयल रही। फिर कोयल बोली - शेर बेईमान है। उसने धोखा किया है और धोखे से वह फिर राजा बन गया है। पर अब उसकी कुहू कुहू का कोई फायदा नहीं था। बहुत से सुग्गे , कौवे और कोयलें तक शेर के साथ हो गए थे। अब सुग्गा सोच रहा था कि उसने जल्दीबाजी में सब कुछ सँभालने की कोशिश कर ली थी और अपने परिवार को भी नाराज कर दिया था। सुग्गे की प्रेमिका भी चुनाव में हर गयी थी। सुग्गा दो दिन बाद बाहर आया और बोलै - सबको प्रवक्ताओं , मीडिया प्रभारिओं को बर्खास्त किया जाता है। और फिर सुग्गा चुपचाप अपने घर में कैद हो गया है और सोच रहा है कि अब क्या करे ?
एक बार जंगल के राजा का चुनाव था। शेर कुर्सी पर बैठा था। सुग्गे ने सोचा , अच्छा मौका है। इस वसंत में वह फायदा उठाने से नहीं चूकेगा। उसने सोचा , क्यों न कोयल से बात की जाए। वसंत में कोयल से बात हो जाए तो कोयल की कुहू कुहू में उसकी भी बन जायेगी। उसने कभी पहले कोयल को प्यार से बुआ कह दिया था। बुआ भी उसे बबुआ कहकर दुलारती थी। सुग्गे ने कोयल से बात की। कोयल तैयार हो गयी। पर सुग्गा यह भूल गया कि कोयल तो अपने अंडे भी दूसरे के घोसले में रख पलवा लेती है। कोयल और सुग्गे , दोनों ने शेर को हटाने की कोशिश की। उन्होंने एक कौवे को भी तैयार कर लिया। पहले सुग्गे के पास पांच साथी थे जो अक्सर सभा में उसकी बात रखते थे। बाद में वो आठ हो गए थे। कोयल से सब चिढ़ते थे। उसके पास कोई साथी नहीं था। पर दोनों तैयार हो गए। पर जंगल में जब चुनाव हुआ तब सुग्गे को जब होश आया तब वह आठ से पांच पर आ चुका था। मगर चालाक कोयल ने अपने दस साथी सुग्गे और कौवे के घोंसले में पलवा लिए थे। कौवे का भी नामो निशान नहीं था। सुग्गे को लगा , उसके साथ तो धोखा हो गया है। सुग्गा गुमसुम हो गया। कोयल थोड़ा चहकी। पर उदास भी थी। कोयल सोचती थी , वह बहुत अच्छा बोलती है। कुहू कुहू करती है। सब वसंत में उसके साथ हो जायेंगे। पर बाकियों को शेर का साहस भा गया था। जब कभी मोहल्ले में लकड़बग्घा आता था , शेर उनसे ताकत से निपट लेता था। इसलिए सबको शेर के दूसरे के घर में घुस कर उसे मारने का अंदाज बहुत पसंद था। शेर जीत गया।
सुग्गा गुस्सा था। सुग्गे को अंदाजा था कि सारे सुग्गे उसको वोट करेंगे। सारी कोयलें और कौवे भी उसे वोट देंगे पर उसे वोट नहीं मिले। कौवे को तो कुछ भी नहीं मिला। उसके साथ तो ज्यादा बड़ा धोखा हो गया था। कौवे तक उससे नाराज हो गए थे। तीनों में सबसे ज्यादा फायदे में कोयल रही। फिर कोयल बोली - शेर बेईमान है। उसने धोखा किया है और धोखे से वह फिर राजा बन गया है। पर अब उसकी कुहू कुहू का कोई फायदा नहीं था। बहुत से सुग्गे , कौवे और कोयलें तक शेर के साथ हो गए थे। अब सुग्गा सोच रहा था कि उसने जल्दीबाजी में सब कुछ सँभालने की कोशिश कर ली थी और अपने परिवार को भी नाराज कर दिया था। सुग्गे की प्रेमिका भी चुनाव में हर गयी थी। सुग्गा दो दिन बाद बाहर आया और बोलै - सबको प्रवक्ताओं , मीडिया प्रभारिओं को बर्खास्त किया जाता है। और फिर सुग्गा चुपचाप अपने घर में कैद हो गया है और सोच रहा है कि अब क्या करे ?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें