गुरुवार, 3 अगस्त 2023

 द्विजपति‌‌: स सुधाकर ओषधिप्रभुरथापि च रत्ननिधे: सुत:।

क्षयविमुक्तिमगान्नदिशो भ्रमन् यदपि तत्सुहृदौ भिषगश्विनौ।।

 द्विजपति‌‌: स सुधाकर ओषधिप्रभुरथापि च रत्ननिधे: सुत:।

क्षयविमुक्तिमगान्नदिशो भ्रमन् यदपि तत्सुहृदौ भिषगश्विनौ।।

 द्विजपति‌‌: स सुधाकर ओषधिप्रभुरथापि च रत्ननिधे: सुत:।

क्षयविमुक्तिमगान्नदिशो भ्रमन् यदपि तत्सुहृदौ भिषगश्विनौ।।

 द्विजपति‌‌: स सुधाकर ओषधिप्रभुरथापि च रत्ननिधे: सुत:।

क्षयविमुक्तिमगान्नदिशो भ्रमन् यदपि तत्सुहृदौ भिषगश्विनौ।।

 द्विजपति‌‌: स सुधाकर ओषधिप्रभुरथापि च रत्ननिधे: सुत:।

क्षयविमुक्तिमगान्नदिशो भ्रमन् यदपि तत्सुहृदौ भिषगश्विनौ।।

 द्विजपति‌‌: स सुधाकर ओषधिप्रभुरथापि च रत्ननिधे: सुत:।

क्षयविमुक्तिमगान्नदिशो भ्रमन् यदपि तत्सुहृदौ भिषगश्विनौ।।

 द्विजपति‌‌: स सुधाकर ओषधिप्रभुरथापि च रत्ननिधे: सुत:।

क्षयविमुक्तिमगान्नदिशो भ्रमन् यदपि तत्सुहृदौ भिषगश्विनौ।।