रविवार, 8 नवंबर 2015

ये पत्रकार चाहे एन  डी टी वी के हों या आज तक के हों या ए  बी पी न्यूज़ के हों ये सब मिलकर मोदी के खिलाफ हैं और ये ऐसी हरकतें जानबूझकर करते हैं जिनसे विवाद पैदा हो । आपको याद होगा राजदीप  सरदेसाई जिसे न्यूयॉर्क में मोदी के प्रोग्राम के दौरान लोगों ने पीटा था जब ये वहां जाकर विवादित सवाल पूछा था । अभी दो दिन पहले ए  बी पी न्यूज़ की एंकर संस्कृति मंत्री महेश शर्मा के बयान कि  - छह हज़ार लोगों को प्राइज मिले लेकिन छत्तीस ने ही लौटाए आप समझ जाएँ कि  ये लोग कौन हैं , को विवादित बयान बता रही थी।  इसमें विवादित क्या था ? उन्होंने कहा कि  छत्तीस लोगों ने सम्मान  लौटाए मतलब ये छत्तीस लोग कुछ ख़ास लोग थे जो सरकारी कृपा पात्र थे । लेकिन  इस बात को विवादित कह दिया गया । यह तो नहीं कह सकते कि  ये पत्र कार बेवकूफ हैं लेकिन ये बेचारे अपना नमक अदा करते हैं । इसलिए ये पत्र कार  जो वर्षों से कांग्रेस की कृपा पर पल रहे हैं अब परेशान हैं । ये कहा करते हैं कि  इन्होने ही मोदी को बड़ा बनाया इनसे पूछो मोदी के प्रचार व उनकी रैलियों के दौरान मिले  विज्ञापनों से तुम्हें  कितनी कमाई हुई ? वो लौटाओगे क्या ? 
बरसों बीत गए हैं बिहार को विकास को तरसे हुए। पंद्रह साल लालू और राबड़ी के राज ने इसे तबाह किया । नीतीश अच्छे हैं मगर गंगा अगर नाले में गोता  लगा ले तो गंगा नहीं रह जाती । पप्पू किसी को कुछ नहीं दे सकता क्योंकि उसके पास कुछ है ही नहीं । बिहार के पास एक मौका आया था बिहार को उस स्तर  पर पहुंचाने का जहां पहुँचने के बाद किसी बिहारी को बिहार से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन बिहारियों ने वह मौका खो दिया । एक नेता , सजायाफ्ता नेता , लालू प्रसाद यादव जिसे चारा चोरी में जेल हुई उसे ही उन्होंने उसे ही अपना नेता बना दिया । यह वही  बिहार है जहां से सबसे ज्यादा आई ए  एस  बनते हैं लेकिन यही वह बिहार हैं जहां के हज़ारों बिहारी देश के कोने कोने में जाकर कहीं रिक्शा खींचते हैं कहीं मजदूरी करते हैं कहीं मार खाते हैं । आज शिवसेना और उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे नीतीश को बधाई दे रहे हैं ये वही  लोग हैं जो मोदी के सताए हुए हैं।  क्या ये नीतीश को आश्वासन देंगे कि  अब ये बिहारियों की पिटाई नहीं करेंगे । नहीं दे सकते । राज ठाकरे ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि  मेरी मोदी जी से अपेक्षा है कि  वे बिहार  और यू  पी को सुधार दें । लेकिन आज मोदी की हार पर वह बहुत खुश होगा क्योंकि मोदी ने इन सबके अहंकार को चूर किया है । आडवाणी जी का जन्मदिवस है वे तो खुश होंगे ही । शत्रुघ्न सिन्हा खुश होंगे जिन्होंने नीतीश की हार की संभावना जताने वाले एक पत्रकार के सवाल पर कहा था - खामोश । आर  के सिंह भी ख़ुश  होंगे सुषमा स्वराज से लेकर बहुतेरे लोग खुश होंगे जिनके बस में बी जे पी को सत्ता में लाना तो नहीं था लेकिन मोदी को रोकना जरूर था । इन्हें नहीं पता कि  मोदी न होते तो आज बी जे पी सत्ता में नहीं होती । एक लचर सरकार होती । लेकिन खैर , बिहारियों को लालू और उनके लाल मुबारक । उम्मीद है अब सारे बिहारी वापस लौटने लगेंगे । क्योंकि  वहाँ उनका मसीहा सजायाफ्ता लालू यादव जीत गया है सबसे बड़ी पार्टी का पुरोधा बन गया है। पुनः मुबारक ।