मंगलवार, 10 फ़रवरी 2015

 अब सब बहू  को दोष मत देना।   काम नेता न करें और दोष बहू  का । 
किरण बेदी की दुर्गति ऐसे ही होनी थी क्या ?
दुःख बस यही है कि जब मोदी हारते हैं तो पाक बहुत खुश होता है ।
सबसे पहले आप को बधाई । लेकिन बात सही है , सोचिये कब तक फ्री पानी , सस्ती बिजली , फ्री wifi  मिलता है , कब तक १५ लाख कैमरा मिलते हैं. यह वास्तव में उस निर्दलीय उम्मीदवार के चुनाव लड़ने की ताकत को भी ख़त्म कर देता है जो ऐसी बातें नहीं कर सकता क्योंकि उसके पास ऐसी बातें करने के लिए कोई मौका नहीं । कांग्रेस ने इस फ्री फ्री के चक्कर में ही खुद भी खाया और खिलाया भी और जब चुनाव आये तो फ्री साड़ी कम्बल आदि बांटे और देश की दुर्गति कर दी । क्या यह एक तरह की घूस देने की डील नहीं है कि  जब मैं आऊंगा तो यह सब दूंगा जब मेरे पास पैसे और सत्ता आ जाएगी इसलिए मुझे वोट दे दो । 

सोमवार, 9 फ़रवरी 2015

सर नमस्कार , हरिद्वार में श्रावण के माह में शिवरात्रि काल में पूरा एक माह तक २ करोड़ से ज्यादा शिव भक्त गंगाजल लेकर नीलकंठ पौड़ी  गढ़वाल पैदल ही जाते है।  नील कंठ शिव जी का मंदिर है । व्यवस्था का यह आलम है कि  लोगों की आस्था भी डोल  जाए लेकिन फिर भी २ करोड़ लोग आते हैं । यह संख्या निरंतर बढ़ रही है । आपसे अनुरोध है कि  इस समबन्ध में भी कुछ करने की कृपा करेंगे।  राज्य सरकार से ज्यादा उम्मीद नहीं है । 
सर नमस्कार , डेल्ही मेट्रो stations  की तर्ज पर यदि भारत में तमाम मेट्रो स्टेशन्स  बनाये जाएँ जिसमे उस स्टेशन्स  में सिर्फ यात्रा करने वाले ही घुसें वह भी टिकट के साथ , तो इससे ट्रेनों में लाखों लोग जो फ्री घूमते हैं उन पर नकेल लगेगी । एयर पोर्ट पर भी ऐसी ही  व्यवस्था होती है । साथ ही जहां पर एक लेन है जैसे सहारनपुर और मेरठ के बीच या हरिद्वार और देहरादून के बीच और इसी प्रकार अन्य बहुत सी जगह , वहां पर डबल लेन बनायी जानी चाहिए ताकि आवागमन सुकर हो सके । ट्रैन यातायात का सबसे सुखद साधन है । एक बात और , न जाने क्यों देरी हो रही है , देश में मानव रहित फाटक को मानव  सहित किया जाना चाहिए तथा जहां पर फाटक है और संभव है वहां पर पुल  बन सकता है तो बनाया जाना चाहिए । देश में ग्यारह हजार से ज्यादा ऐसे रेलवे क्रासिंग हैं जिन पर काम किया जाना चाहिए।  कृपया ध्यान देंगे । आये दिन यहां पर अनेक लोगों की मृत्यु होती रहती है । 
सर नमस्कार , स्कूलों में बच्चों के बैग  का बोझ बहुत होता है । यदि उनका पाठ्य क्रम यानि उनकी पुस्तकों को दो या तीन टुकड़ों में बाँट दिया जाए और बच्चे सिर्फ वही  portion ले जाएँ जिसका पाठ पढ़ाया जाना हो तो इससे स्कूल बैग  का बोझ काम होगा।  

रविवार, 8 फ़रवरी 2015

सर नमस्कार , आपका बजट आ रहा है , आप चाहें तो बेटियों के पक्ष में एक घोषणा कर सकते हैं।  यदि किसी के घर में बेटी जन्म लेती है और यदि वह उस परिवार की प्रथम या द्वितीय संतान के रुप में है तो आप उसके नाम से सरकार की तरफ से एक ऍफ़ डी  जमा करा सकते हैं।  यह ऍफ़ डी  उसे तब मिले जब वह बालिग हो जाए बशर्ते कि  उसका विवाह १८ या २१ वर्ष के बाद हो तभी यह पैसा उसे मिले. इससे बेटी के जन्म के समय एक उत्सव का माहौल बनेगा और परिवार को भी लगेगा कि  लक्ष्मी आई है धन लायी है।  आप गरीब वर्ग के लिए पांच हजार रुपये भी जारी कर सकते हैं तत्काल।  ताकि वे लोग तत्काल उत्सव भी मना सकें । या उसके प्रथम जन्म दिवस यानि एक वर्ष बाद के लिए यह पांच हजार रुपया उन्हें ऍफ़ डी  के रूप में दिया जा सकता है ताकि वे लोग एक वर्ष बाद प्रथम जन्म दिवस मना सकें । इससे वे लोग बच्ची के प्रति सहानुभूति का भाव रखेंगे और नजरिया बदलेगा । 
सर नमस्कार , यह बताएं कि  यदि बीजेपी को हमने वोट न दिया होता , या जिन्होनें वोट नहीं दिया है और आपने आदर्श गाँव योजना चला रखी  है , तो निश्चित ही भाजपा के सांसद  अपने वोट वाले क्षेत्र को ही आदर्श गाँव बनाएंगे तो फिर बाकी गाँव तो छूट ही जाएंगे तो फिर आपकी सरकार कैसे सबकी सरकार हो गयी ? ऐसे में हम क्या करें. 
सर नमस्कार , एक  बताएं कि यदि आपके आदर्श गाँव की श्रेणी में मेरा गाँव ही नहीं आया और यदि सांसद महोदय ने सारा पैसा अपने आदर्श गाँव में ही खर्च कर दिया तो मैं आपको वोट क्यों दूँ ?
सर , एक सुझाव भेज रहा हूँ।  आने वाले बजट में यदि आप उन लोगों को जिनकी बेटियां हैं , कुछ अलग से टैक्स रिबेट देंगे तो यह लड़की के लिए व आपके बेटी बचाओ कार्यक्रम के लिए उपयोगी होगा।  एक और सुझाव देना चाहूंगा कि  यदि लड़की के जन्म पर उसके लिए एक ऍफ़ डी  जैसी राशि उसके अकाउंट में डाली जाये जो ऍफ़ डी  के रूप में ही हो और यह लड़की के इक्कीस साल के होने पर ही mature  होकर माता पिता को मिले तो इससे बेटी बचाओ कार्यक्रम में लाभदायक होगा।