शुक्रवार, 23 जनवरी 2015

आप पार्टी के लोग जगदीश मुखी या सतीश उपाध्याय के साथ केजरीवाल के पोस्टर छाप कर यह साबित करने की कोशिश कर रहे थे कि जगदीश मुखी या सतीश उपाध्याय ही बी जे पी के अगले सी एम होंगे इससे वे अपने आप को मजबूत दिखाने  की कोशिश कर रहे थे । इसीलिये बी जे पी को किरण बेदी को उतारना पड़ा । और अब आप पस्त  है । यदि आप यह गलती न करती और अभी थोड़ा चुप रहती और नामांकन  तक चुप रहती तो फायदे में रहती । साथ ही यदि वह आरोप के चक्कर में न उलझती तो नामांकन के बाद यह सब करके फायदे में रह सकती थी । अब नहीं । 

मंगलवार, 13 जनवरी 2015

आदरणीय प्रधानमन्त्री जी ! सादर प्रणाम , 
एल ई डी  बल्व से बिजली बचत होती है लेकिन महंगा होता है । हर कोई नहीं खरीद पाता।  यदि बिजली विभाग ही किश्तों पर यह उपलब्ध करा दे तो लोगों के लिए खरीदना आसान हो जाएगा । इसकी कीमत लोगों के बिजली बिल में दस रुपये प्रतिमाह बढ़ाकर तब तक लिए जाएँ जब तक कीमत न  वसूली जा सके । बिजली विभाग ही consumer के अकाउंट में इसे जोड़ देगा । इसका प्रचार किया जाए । तेजी ले लाभ होगा । धन्य वाद । 

शनिवार, 10 जनवरी 2015

आदरणीय प्रधानमन्त्री जी ! सादर प्रणाम पूर्वक निवेदन करना चाहता हूँ कि  आपके द्वारा प्रस्तुत की गयी आदर्श ग्राम योजना का यह तरीका हमें पसंद नहीं आया है क्योंकि इससे बाकी गाँवों के साथ अन्याय सा होता प्रतीत होता है । इसके बजाय यदि आप साथ साथ एक और योजना भी यदि लागू कर देते कि  यदि कोई सांसद अपनी सांसद निधि को दो चार माह में ही खर्च कर देता है और उसका ठीक तरीके से प्रयोग किये जाने का प्रमाण सरकार के पास प्रस्तुत कर देता है तो उसे उन प्रमाणों के आधार पर या उस विषय पर सही जांच करके या डी एम आदि के द्वारा सही जांच करवाकर यह पाये जाने पर कि  वास्तव में वह पैसे सही ढंग से प्रयोग कर दिए गए हैं उस सांसद को दोबारा पैसा जारी करवा दिया जाए ताकि वह और भी विकास कार्य करवा सके । और यदि कोई पुनः दो चार माह में वह पैसा फिर से खर्च कर दे तो फिर से उस पर जांच करवाकर सही पाये जाने पर उसे पुनः पैसा जारी करवा दिया जाए । इससे यह होगा कि विकास कार्य में तेजी आएगी और सांसद को यह नहीं सोचना पड़ेगा कि  वह कहाँ पैसा लगाए और किस क्षेत्र को छोड़े क्योंकि आजकल सांसद भी अपनी अपनी पसंद के अनुसार या जहां उनके अपने वोटर होते हैं उसके अनुसार ही विकास कार्य कर देते हैं और इससे कुछ लोग तो खुश हो जाते हैं और कुछ लोगों को लगता है कि  कुछ कार्य नही हुआ क्योंकि उनके क्षेत्र में काम हो नहीं पाता  । ऐसा राज्यों में विधायकों के साथ भी किया जा सकता है । आदर्श गाँव योजना से आप यदि दो तीन हजार गाँव को आदर्श गाँव बना भी पाये तो इस देश में तो छह लाख गाँव हैं बाकी गाँवों का क्या होगा । अतः  यदि सांसद या विधायक के पास फंडिंग की कमी नहीं होगी तो वह भी तेजी से काम कर सकेंगे । इससे आपकी शौचालय बनाने की योजना पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा और तेजी से यह काम होगा वर्ना  हर सांसद या विधायक के अपने स्थानीय नेता आदि भी होते हैं जो जनता से सीधे जुड़े होते हैं और वोट दिलाने में मदद करते हैं वे भी सांसद और विधायकों पर दबाव डालते हैं कि  उनके क्षेत्र में काम कराया जाए फिर सांसद विधायक कैसे सब तरफ काम करवा पाएंगे , यह सोचना भी  जरूरी है । अतः कृपया ध्यान देंगे ऐसी उम्मीद है । धन्यवाद  ।