केजरीवाल का यह तरीका बिलकुल भी जनतांत्रिक नहीं कहा जा सकता। आखिर वे क्यों नहीं दुबारा चुनाव के लिए तैयार हो जाते यदि उनसे सरकार नहीं संभल रही है । आखिर वे क्या मानते हैं कि जो वादे उन्होंने जनता से किये हैं यदि उन्होंने वे सारे वादे पूरे नहीं किये तो जनता उन्हें माफ़ नहीं करेगी । क्या इसलिए वे जिम्मेदारियों से भागने की कोशिश कर रहे हैं ? यदि वे ऐसा सोचते हैं तो गलत हैं । क्यों नहीं वे आसानी से अपने कामों को अंजाम देने की कोशिश करते ? उन्हें यह समझना चाहिए ? जनता उनकी नियत देखेगी । यदि उनकी नियत ठीक होगी तो उनको वह दोबारा भी चुनेगी । यदि वे कहेंगे कि उनके कुछ मंत्री अनुभवहीन भी हैं । तो वह भी वह माफ़ करेगी लेकिन अराजकता पसंद नहीं करेगी । दिल्ली की जनता हर मुद्दे पर आप को माफ़ करेगी लेकिन यह नौटंकी वह बर्दाश्त नहीं करेगी । केजरीवाल इस तरह से तो ख़त्म ही हो जायेंगे राजनैतिक स्तर पर । वे भारत में एक नयी उम्मीद बन कर आये हैं और उन्होंने बड़े बड़े दलों को अपनी नीति बदलने को मजबूर कर दिया था । ऐसे में उनके नए मार्ग की देश की जनता को जरूरत है । लेकिन जो रास्ता वे अख्तियार कर रहे हैं वह गलत है । यदि केजरीवाल अराजक हैं तो कांग्रेस इसकी समर्थक हैं ।
केजरी की सरकार ने उम्मीद जगाई थी जिसे उन्होंने ही ख़त्म कर दिया ।
वे यदि नियत ही साबित कर देते तो भी जनता माफ़ करती ।
डॉ द्विजेन्द्र , हरिपुर कलां , देहरादून
उनकी विफलता से कांग्रेस बीजेपी की लाटरी लग जायेगी ।
डॉ द्विजेन्द्र , हरिपुर कलां , देहरादून
केजरी की सरकार ने उम्मीद जगाई थी जिसे उन्होंने ही ख़त्म कर दिया ।
वे यदि नियत ही साबित कर देते तो भी जनता माफ़ करती ।
डॉ द्विजेन्द्र , हरिपुर कलां , देहरादून
उनकी विफलता से कांग्रेस बीजेपी की लाटरी लग जायेगी ।
डॉ द्विजेन्द्र , हरिपुर कलां , देहरादून
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