अपने केजरीवाल से कहना - समर्थक तो हम भी बन रहे थे लेकिन तुम्हारी हरकतों ने लौटने पर मजबूर कर दिया । दिल्ली सम्भाली नहीं जा रही देश कैसे संभालोगे ? तुम्हारा हारना हमें बहुत दुखी करेगा । तुमने सबको गाली दे देकर सत्ता कब्जायी थी हमने सोचा था चलो अब कुछ बदलेगा लेकिन तुम्हारे सपने बहुत ऊँची छलांग लगा रहे हैं । दिल है दिल्ली देश का । उसे सम्भालो तो देश सर आँखों पर बैठायेगा । जल्दी क्या है । लेकिन भ्रष्ट कांग्रेस का साथ ? बहुत बुरा किया । अरे फंस रहे थे तो बीजेपी को समर्थन दे देते । पांच साल आराम से कटते । तुम्हारे नए नए चेहरे बहुत कुछ सीखते इन पांच सालों में । जिम्मेदारी ज्यादा होती नहीं । अपने क्षेत्र में विकास कार्य करके अपनी अट्ठाईस सीट्स पक्की कर लेते पांच साल बाद के चुनाव में । बीजेपी को समर्थन देने की शर्त रखते कि जब तक बीजेपी असाम्प्रदायिक की तरह काम करेगी तब तक समर्थन करोगे । बीजेपी साम्प्रदायिक नहीं है फिर भी कह रहा हूँ । मैं तो मोदी का हूँ फिर भी कह रहा हूँ । जब कांग्रेस समर्थन वापस ले या तुम्हारी सरकार गिरे तब बीजेपी को समर्थन कर देना । बच जाओंगे वरना नाम भी कोई नहीं लेगा । सुनो , कांग्रेस के ख़त्म होने का समय आ गया है तो एक विपक्ष तो चाहिए । तुम हो सकते हो । सोच समझ कर फैसले लो । समझे ,
गुरुवार, 16 जनवरी 2014
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