गुरुवार, 8 अगस्त 2013

 बिहार सरकार के एक मंत्री द्वारा सैनिकों को यह कहना कि  वे तो शहादत के लिए ही सेना में भर्ती  होते हैं  और पत्रकार से उसके माता पिता के वहाँ न  जाने पर सवाल खड़े करना व बाद में माफ़ी माँगना यह साबित करता है कि  भले ही माफ़ी मांग ली हो लेकिन यदि यह व्यक्ति पद पर बना रहता है तो ऐसी मानसिकता वाला व्यक्ति सरकार में रहेगा । और यदि यह बर्खास्त नहीं होता तो यह सरकार की भी मानसिकता को दर्शायेगा । माफ़ी से नेता की मानसिकता तो नहीं बदलेगी , वह तो जाहिर है इसलिए इससे मंत्री के पाप नहीं धुल जाते । उसका और उस जैसों का सत्ता में बने रहना ही खतरा है इस देश के लिए , वहाँ की राज्य सरकार के लिए , देश की फौज का अपमान है यह । इसलिए माफ़ी कुछ नहीं है , यह तो पद से तुरंत हटाये जाने का मामला है । यदि नीतीश नहीं हटाते तो समझिये कि  वे भी उस बयान के साथ हैं और दिखावे के लिए ही नेता मंत्री को फटकार लगाई है । 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें