बुधवार, 7 अगस्त 2013

जब पाकिस्तान हमारे सैनिकों को मार रहा है और हमारे रक्षामंत्री पाकिस्तान की तरफ से बयान देते फिर रहे हैं यानि जो बचाव शायद पाकिस्तान करता कि  उसकी वर्दी पहन कर कुछ लोग इंडियन आर्मी के सैनिकों को मारने गए होंगे वह हमारे ही रक्षामंत्री कह रहे हैं मानो पाक में बैठे हों । ऐसे में जब शेर की दहाड़ की जरूरत हो और हमारे मन मोहन मौन हों तो फिर क्या किया जा सकता है सिर्फ इस बात के कि  हम इन्तजार करें कि  हिंदुस्तान की गद्दी पर गुजरात का वह शेर बैठे जिसके चलने भर से लोंगो को शेर की याद आ जाती है , जिसके कुछ बोलने भर से गीदड़ों की पार्टियों के लोग हुआं  हुआं  करने लगते हैं , जिसके  किसी को रमजान की बधाई देने से प्रतिद्वंदी इकट्ठे हो जाते हैं , जिसकी प्रशंसा करने मात्र से विरोधी अपने सदस्यों पर बिफर जाते हों जिसकी ताजपोशी की बात सोचने मात्र से विरोधियों को पसीने आ जाते हों । जिसके एक एक शब्द पर बोलने के लिए पार्टियों ने अपने अलग से प्रवक्ता तय कर रखे हों मात्र उसकी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए । उसकी ताजपोशी का हमें इन्तजार है ताकि पाक को यह पता चल सके कि  भारत में उसको जवाब देने के लिए शेरों  की कमी नहीं है क्योंकि भय बिन होत  न प्रीती ।

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