रविवार, 11 अगस्त 2013

नरेन्द्र मोदी को लेकर २००२ में अटल जी ने कहा था कि  मोदी राज धर्म निभाएं । विपक्षियों ने इस बयान को पकड़ कर हंगामा कर रखा है कि  मोदी को अटल जी ने ऐसा कहा था । अरे भैया ! यह तो उस शासक ने सही ही कहा था कि  किसी भी मुख्यमंत्री को राज धर्म ही निभाना चाहिए इसलिए और अपने स्वच्छ शासन के लिए अटल जी जाने जाते हैं लेकिन क्या होगा देश की जनता का जिसने उन्हें दोबारा चुना  ही नहीं । करें क्या ? क्या किसी और pm  ने कभी किसी को राज धर्म निभाने की सलाह देने की हिम्मत दिखाई है ? क्या ८४ के सिख दंगों जो दिल्ली में हुए थे उस सम्बन्ध में आज तक किसी कांग्रेसी नेता या मंत्री ने कुछ कहा है कि  तत्कालीन सरकार ने राजधर्म नहीं निभाया बल्कि राजीव गाँधी ने कह दिया था कि  जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो थोड़ी बहुत मिटटी हिलती है । वाह , सिख संख्या में कम हैं इसलिए वोट कम हैं इसलिए आज तक सज्जन कुमार और टाइटलर  पर आजतक कोई कार्य वही नहीं हुई , लोग गवाह हैं लेकिन ३० साल हो गए कुछ नहीं , गुजरात में १० केस में से ७ में कार्यवाही हो चुकी , २ में हो रही है और १ लंबित है तो भी हाय तौबा ? खेकरा  को ससपेंड करने में क्या सोनिया या मनमोहन ने कोई राजधर्म निभाने की सलाह हरियाणा सरकार को दी है , सपा को राज धर्म क्यों नहीं सिखाया जाता जिसके राज में गुंडा गर्दी और लेपटॉप  बाटने के सिवाय कुछ नहीं रह गया है ।

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