बुधवार, 18 जून 2014

आदरणीय प्रधानमंत्री जी ! सादर प्रणाम ,
एक  महत्वपूर्ण योजना की तरफ आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ । सरकारी विद्यालयों में अाठवीं कक्षा  तक मध्याह्न भोजन योजना लागू है । इस योजना  में बहुत  भ्रष्टाचार पनप रहा है । ऊपर से तो भ्रष्टाचार होगा ही । मैं तो विद्यालयों  के  भ्रष्टाचार की बात कर रहा हूँ जहां पर विद्यालयों में उन बच्चों को भी जबरन  खाना खिलाने की बात की जाती है जिन्हें इसकी जरूरत ही नहीं है । इससे सरकार को भी लाखों करोङों  का नुक्सान होता है । साथ ही नियम कुछ ऐसे बनाये गए हैं कि  जितने बच्चे आये हैं उतने बच्चों का भोजन बनेगा ही । ऐसे में कई जगह यदि कुछ बच्चे भोजन नहीं खाते हैं तो या तो उनका भोजन बर्बाद होता है या फिर यदि नहीं बनाया जाता तो बचे हुए पैसे को गलत तरीका से खपाया गया दिखाने की कोशिश की जाती है । यह नियम बहुत से ईमानदार  लोगों को जबरन भ्रष्ट भी कर रहा है और  सरकारी नुक्सान भी  होता है । यदि सरकार इसके नियमों में जरूरत के हिसाब से फेरबदल करे तो हजारों करोड़ रूपया बचाया जा सकता है । कृपया इस सम्बन्ध  ध्यान देने की कृपा करें और स्कूलों को जबरन यह नियम इस रूप में लागूं करने की अनिवार्यता से बचा जाए ।
द्वारा - डॉ   द्विजेन्द्र वल्लभ शर्मा 

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