एक कहावत है कि बदनाम होंगे तो क्या नाम न होगा । कन्हैया भी उसी राह पर चल पड़ा है । उसे लगता है कि जैसे ही वह कुछ भी बिगड़े बोल बोलेगा तो लोग उसको जानेंगे , सुनेंगे और वह एक नेता बनकर निकलेगा । उसके पीछे तो लोग हैं ही । ये तमाम एन जी ओ जिनकी विदेशी फंडिंग बंद हो गयी है , मिलकर काम कर रहे हैं कि किसी तरह देश का माहौल इस प्रकार बनाया जाये ताकि देश में रोज तमाशा हो और दुनिया देखे और धीरे धीरे यह सरकार विश्व में बदनाम हो जाए । मोदी जो बाहर जाकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं , उनका देश के बाहर भी वे संघ या संगठन विरोध करें जिनकी फंडिंग यहां रोक दी गयी है । भारत में वे अपनी फंडिंग नहीं भेज पा रहे हैं पर विदेश में तो हल्ला कर ही सकते हैं । यह सारे विश्व में मोदी जी के खिलाफ एक गुट तैयार किया जा रहा है जो आजकल चुपचाप काम कर रहा है । ये परेशान हैं कि देश की सरकार में अब वह भ्रष्टाचार क्यों नहीं हो रहा जिसके साथ साथ ये लोग भी बहती गंगा में हाथ धो लेते थे । इसलिए इस मूर्ख की बातों को इस ढंग से हाई लाइट मत करें क्योंकि यह एक मानसिक रोगी है और इसका यदि इलाज़ करोगे तो भी यह हल्ला ही मचायेगा और अन्य तथाकथित संगठनों को अपने पीछे लगा लेगा । जैसे ही समय बीतेगा और जे एन यू की जो प्रतिष्ठा दांव पर लग गयी है जिसका असर इसी साल आने वाले दिनों में एडमिशन प्रक्रिया में दिखने वाला है , उसका इन्तजार कीजिये और ये लोग जो अपने को टॉप क्लास यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट मानकर हल्ला मचाये हुए है , सबकी अक्ल ठिकाने आ जायेगी । कन्हैया के लिए तो कोर्ट ही काफी है । यह जानबूझकर कोर्ट की अवमानना कर रहा है । इसे भाव न दें । ये ऐसे ही काम करेगा जिससे पुलिस और प्रशासन इसके पीछे लग जाए । थोड़ा सा केजरीवाल महोदय को याद कर लीजिये जो जब तब सब पर आरोप मढ़ते रहते थे और आज मुख्यमंत्री बने बैठे हैं । इसलिए सावधान होकर काम करें और इन जैसों को बड़बड़ाने दें । ये जब देखेंगे कि इनकी बड़बड़ाहट का कोई प्रभाव नहीं पद रहा है तो अपनेआप चुप हो जाएंगे ।
मंगलवार, 8 मार्च 2016
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