यह हिन्दू संस्कृति ही है जो कहती है -
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुखभाग भवेत्
सभी लोग सुखी हों सभी निरोगी हों सभी कल्याण देखें और कोई भी दुःख भोगने वाला न हो
तथा
यत्र विश्वं भवत्येकनीडम
अर्थात
जहां सारा विश्व एक घोंसला बन जाता है
इसलिए सम्पूर्ण विश्व के लिए हिन्दू संस्कृति ही जरूरी है
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुखभाग भवेत्
सभी लोग सुखी हों सभी निरोगी हों सभी कल्याण देखें और कोई भी दुःख भोगने वाला न हो
तथा
यत्र विश्वं भवत्येकनीडम
अर्थात
जहां सारा विश्व एक घोंसला बन जाता है
इसलिए सम्पूर्ण विश्व के लिए हिन्दू संस्कृति ही जरूरी है
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