रविवार, 2 अगस्त 2020

रसकलशी -
जयन्ति ते सत्कवयो मनीषिणो
ज्वलन्ति यत्काव्यदिवाकरोदयात् ।
धियोsप्रयासं जडसूर्यकान्तो
पला इवात्यल्पधियां नृणामपि ।। 

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