मैं अक्सर सोचा करता था कि राजनीति में क्यों नहीं एक परीक्षा की व्यवस्था है जिससे पढ़े लिखे लोग राजनीति में आएं और देश को एक स्वस्थ माहौल मिले , देश में सुधार की लहर बहे और विकास हो । गुंडे मवालियो से देश को मुक्ति मिले । इससे देश में जो लोग जनता को बेवकूफ बना रहे हैं वे ऐसा नहीं कर पाएंगे क्योंकि पढ़े लिखे लोगों की पार्टी उन्हें ऐसा नहीं करने देगी । इन्हीं सब उम्मीदों को पूरा करने के लिए आई थी आम आदमी पार्टी । मगर अगर बहुत सारे हाई प्रोफाइल पढ़े लिखे लोग एक ही पार्टी में आ जाएँ तो पार्टी की क्या दुर्गति हो सकती है यह मैंने कभी सोचा नहीं था । एक ही रसोई में इतने सारे रसोईये खिचड़ी पका रहे हैं और सब अपना अपना मसाला डाल रहे हैं और खिचड़ी का स्वाद कैसा होगा इसकी कोई चिंता ही नहीं है। ईश्वर दोबारा ऐसे पढ़े लिखे लोगों को सत्ता न दे । सुलझे लोगों को ही सत्ता दे वे चाहे पढ़े लिखे हों या न हों ।
सोमवार, 30 मार्च 2015
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